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भगवान विग्नहर्ता हर गांव शहर में विराजमान होंगे आपको बता दे कि आज के दिन श्री गणेशाय जी का जन्म हुआ था

भगवान विग्नहर्ता हर गांव शहर में विराजमान होंगे आपको बता दे कि चतुर्थी के दिन श्री गणेशाय जी का जन्म हुआ था

 

1 दिन की बात है माता पार्वती अपने यज्ञशाला में हवन कुंड में बैठकर तब कर रहा था जिसे अपने बेटे श्री गणेश को बोला था कि मैं यज्ञ साल में तब में रहूंगा और मेरे बगैर कोई भी जीव जंतु देवी देवता लोग परलोक से कोई भी आ जाए लेकिन मेरे अनुमति के बगैर अंदर आने मत देना कह कर श्री गणेश को मां पार्वती बोला था उसके बातों को सुनकर श्री गणेश ने अपने मां को अनुशासन दिया फिर कुछ समय बाद भगवान शिव आया और मां पार्वती जहा यज्ञ कर रहा था वही कक्षा में प्रवेश करने जा रहा था तब भगवान श्री गणेश शिव जी को अंदर जाने से मन कर दिया था बार-बार अंदर न जाने दिया तो भगवान शिव क्रोधित हो उठा और अपने हाथों में धरे त्रिशूल से गणेश जी की गला में वार कर दिया और गणेश जी का धड़ से गला अद्धर होकर धरती में जा गिरा माता पार्वती यज्ञ खंडित हो गया बाहर निकल कर देखा तो गणेश जी का जान जा चुका था तब मां भवानी बहुत रोया कोन दुस्शाहस किया जो मेरे सुपुत्र विनायक दामोदर का गला धड़ से अलग किया भगवान भोलेनाथ बोला पार्वती मैं अंदर जा रहा था लेकिन एक छोटा सा बालक मुझे अंदर जाने से बार बार रोक रहा लेकिन मुझे अंदर जाने नही दिया फिर मैं गुस्सा में आकार त्रिशूल से गणेश का गला काट दिया मां पार्वती इतना ही बात सुनकर क्रोधित हो उठा और पूरा पृथ्वी में तांडव करने लगा जहा जीव जंतु देवी देवता मनुष्य के जीवन में कई संकट पैदा होने लगा यह देख ब्रम्हा विष्णु देवता द्वारपाल देवी लोग भैभित हो गया यह क्रोध को देखते उतर दक्षिण पूर्व पश्चिम दिशा से सभी देवी देवगन भगवान शिव के पास जाकर प्रार्थना कि हे महा मृत्युंजय शिव जी मां पार्वती क्रोध को शांत करो भगवान भोलेनाथ जी मां आदि शक्ति देवी पार्वती को विश्वास दिलाया आपके बेटा गणेश फिर पूर्ण रूप से जीवित होकर वापस आ जायेगा इतना ही बात सुन कर मां भवानी अति प्रसन्न हुआ महाकालेश्वर अपने नंदी महाराज भूत पिचास अपने साथी को जंगल जाने को कहा और बोला जो भी जीव जंतु आपको पहले हल चल करते मिला उसको ला लेना जहा देखा गया हाथी विचरण कर रहा उसका ही गला काट कर लाया और भगवान शिव अपने हाथो से गणेश जी का गला जोड़ कर फिर जीवित किया फिर मां पार्वती गणेश को पाकर बहुत खुश हुआ उसी दिन से भगवान शिव सभी देवी देवगण को याद दिलाया कोई भी स्त्री पुरुष जीव जंतु पूजा पाठ करेगा जब तक गणेश को पहले नही पूजा जायेगा उसका कार्य कभी सफल नहीं होगा तब से ही भगवान श्री गणेशाय सृद्धि विनायक दामोदर का ही पहले पूजा कि जाती है उसके बार बाकी लोग उसी दिन से पूरा विश्व में प्रचलित हो गया

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